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जब एक लड़की को संभोग की प्यास लगती है, तो जबतक वो तृप्त ना हो उसे खत्म कर पाना ना मुमकिन है
एक बार एक पुरुष अपने मन को मार सकता है पर एक स्त्री अपने अंदर आए वेग को रोक नहीं सकती
रचित से मेरी मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी। जुलाई का महीना था और 22 साल की उम्र में मैंने मास्टर डिग्री के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया था। पहले हफ्ते कॉलेज गई लेकिन क्लासेस नहीं चल रही थीं और स्टूडेंट्स भी नहीं आते थे, जिससे मैंने तय किया कि अब कॉलेज नहीं जाऊंगी। तभी एक दिन कॉलेज से कॉल आई कि इंट्रोडक्शन सेशन रखा गया है और उसमें सभी का आना अनिवार्य है।
यह मेरा पहला कॉलेज अनुभव था, इसलिए मैंने पूरी तैयारी के साथ कॉलेज जाने का फैसला किया। वहां सभी लड़के-लड़कियां अपना परिचय दे रहे थे। लड़कियां आत्मविश्वास से भरी हुई थीं, लेकिन अधिकतर लड़के थोड़े संकोची लग रहे थे। तभी रचित स्टेज पर आया, उसके आत्मविश्वास और ड्रेसिंग सेंस ने मेरा ध्यान खींच लिया। उस दिन से रचित मेरा पहला क्रश बन गया। मैं ही नहीं, कई और लड़कियों ने भी रचित को लेकर वही भावनाएं महसूस कीं।
धीरे-धीरे सभी दोस्त बन गए और एक महीना बीतते-बीतते कॉलेज का माहौल खुशनुमा हो गया। रचित की मां इस दुनिया में नहीं थीं, इसलिए वह रोज कैंटीन में खाना खाता था। कैंटीन का खाना देखकर मन नहीं करता था, इसलिए मैंने उसके लिए घर से टिफिन ले जाना शुरू कर दिया। मेरे दोस्तों को पता था कि मैं रचित को पसंद करने लगी हूं, लेकिन रचित इस बात से अनजान था।
पहले सेमेस्टर की परीक्षा के बाद आखिरकार मैंने हिम्मत जुटाई और रचित को अपने दिल की बात बता दी। उसने स्वीकार किया कि…